इल्म क्या शय है दोस्तो जानो इल्म की अहमियत को पहचानो इल्म क्या शय है एक ने'मत है इल्म क्या शय है एक दौलत है इल्म क्या शय है वज्ह अज़्मत है इल्म क्या शय है रब की रहमत है क्या हैं आदाब-ए-ज़िंदगी बच्चो हम को जब इल्म ही नहीं होता शक्ल-ओ-सूरत के मा-सिवा हरगिज़ आदमी आदमी नहीं होता न हराम-ओ-हलाल की तफ़रीक़ और न कुछ इम्तियाज़-ए-नेक-ओ-बद कुछ जो होता तो पेट भरना ही ज़िंदगी का अज़ीम-तर मक़्सद ज़िंदगी के हर एक शोबा में दोस्तो इल्म की ज़रूरत है सारी दुनिया में 'मुर्तज़ा' 'साहिल' इल्म वालों की क़द्र-ओ-क़ीमत है इल्म क्या शय है दोस्तो जानो इल्म की अहमिय्यत को पहचानो