इंफ़िसाल By Nazm << क़ब्र इन्फ़िरादियत >> दोस्तो तुम तो कंधों से ऊपर नज़र ही नहीं आ रहे हो चलो अपने चेहरे निदामत की अलमारियों से निकालो इन्हें झाड़ कर गर्दनों पर रखो तुम अधूरे नहीं हो तो पूरे दिखाई तो दो Share on: