तुम से बिछड़ते वक़्त मैं ने सोचा था किस तरह जियूँगा! किस किस से छुप के रह सकूँगा आँसू कहाँ कहाँ पियूँगा! घर में अगर कसी ने पूछा! ''क्या बात है उदास क्यूँ हो'' डर था मुझे कि रो पड़ूँगा! लेकिन ये इत्तिफ़ाक़ देखो मैं घर गया तो मेरे घर का एक एक फ़र्द रो रहा था!