जागें हम सूरज के साथ By बाल कविता, Nazm << काश कि सारे इंसाँ भी जब हम भी बड़े हो जाएँगे >> सूरज ने ये दिया पयाम बाँटने आया हूँ मैं काम बिस्तर छोड़ो और ले लो पहले अपने रब का नाम ज़ह्न-नशीं कर लें ये बात जागें हम सूरज के साथ Share on: