साल में इक बार आता है आते ही मुझ से कहता है ''कैसे हो अच्छे तो हो लाओ इस बात पे केक खिलाओ रात के खाने में क्या है और कहो क्या चलता है'' फिर इधर उधर की बातें करता रहता है फिर घड़ी देख के कहता है ''अच्छा तो मैं जाता हूँ प्यारे अब मैं एक साल के ब'अद आऊँगा केक बना के रखना साथ में मछली भी खाऊंगा'' और चला जाता है! उस से मिल कर थोड़ी देर मज़ा आता है! लेकिन फिर मैं सोचता हूँ ख़ास मज़ा तो तब आएगा जब वो आ कर मुझ को ढूँढता रह जाएगा!!