हमारे बीच का रिश्ता ज़रूरत के सिवा कुछ भी नहीं शायद ज़रूरत बात करने की ज़रूरत बात सुनने की ज़रूरत साँस लेने की ज़रूरत फ़ुर्सतों के वक़्त को आसान करने की ज़रूरत को मोहब्बत नाम देने से हमारे बीच फैली ये मसाफ़त कम नहीं होती ये अपना-पन फ़क़त बेगानगी पर धूल जैसा है मैं घंटों बात करता हूँ तुम्हारी फ़ुर्सतों के वक़्त को आसान करता हूँ मिरा इस पर ये दावा है मुझे तुम से मोहब्बत है तुम्हारा भी यही इसरार मुझ से प्यार करती हो सो हम आसानियों से झूट की आदत निभाने में महारत सीख लेते हैं ज़रूरत को मोहब्बत मान लेते हैं मगर सच है ज़रूरत की क़सम सच है हमारे बीच का रिश्ता शुरूअ' दिन से ज़रूरत है