कभी तुम देर मत करना By Nazm << ख़्वाब झटका >> मैं रूठूँ तो मनाने में मुझे वापस बुलाने में चराग़-ए-दिल जलाने में अँधेरों को मिटाने में दयार-ए-दिल बसाने में कि मेरे पास आने में कभी तुम देर मत करना यक़ीं की दास्ताँ तुम हो कि मिस्ल-ए-कहकशाँ तुम हो मैं दिल हूँ तो ज़बाँ तुम हो Share on: