क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो वतन की जान हो तुम और वतन तुम्हारा है कि बाग़बान हो तुम ये चमन तुम्हारा है बढ़ाओ हाथ कि हर इल्म-ओ-फ़न तुम्हारा है क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो तुम्हारे क़दमों से रौशन हो शाहराह-ए-हयात तुम्हारे अज़्म से इंसान पाए ग़म से नजात मिसाल-ए-ख़िज़्र-ओ-मसीहा बने तुम्हारी ज़ात क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो जलाओ दिल के नगर में चराग़-ए-ईल्म-ओ-यकीं दयार-ए-हिर्स-ओ-हवस में न झुकने पाए जबीं तुम्हारे क़दमों से बन जाए आसमाँ ये ज़मीं क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो कबीर-ओ-नानक हो चिश्ती की यादगार हो तुम जहाँ में गाँधी-ओ-नेहरू के विर्सा-दार हो तुम ज़मीं पे अम्न-ओ-मुहब्बत के पासदार हो तुम क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो निज़ाम-ओ-काकी-ओ-चिश्ती की रूह अपनाओ ख़ुदा का जल्वा हर इंसाँ के क़ल्ब में पाओ हर एक दिल में मोहब्बत की रौशनी लाओ क़दम मिला के चलो हौसला बढ़ा के चलो दिलों में हुब्ब-ए-वतन का दिया जला के चलो