जब सारा मंज़र देख चुके तो ख़्वाबों में खो जाना क्या मिरे मन का पंछी पागल है जो अब भी रस्ता देखता है मिरे दिल का बच्चा ज़िद्दी बच्चा आस लगाए जीता है इस मन को मैं समझाऊँ क्या जो रस्ता तेरा रस्ता नहीं अब इस रस्ते पर जाना क्या जो मंज़िल, मंज़िल तेरी नहीं अब उस का खोज लगाना क्या लेकिन मेरे दिल का बच्चा ज़िद्दी बच्चा जब सूरत-ए-हाल समझता नहीं उसे रह रह कर समझाना क्या