इक नया पैग़ंबर-ए-अम्न-ओ-अमाँ पैदा हुआ कारवाँ में इक अमीर-ए-कारवाँ पैदा हुआ एक ख़िज़्र-ए-अस्र-ए-हाज़िर इक कलीम-ए-अहद-ए-नौ एक सद्र-ए-महफ़िल-ए-रुहानियाँ पैदा हुआ इक हुदी-ख़्वान-ए-मोहब्बत इक नक़ीब-ए-इत्तिहाद इक फ़िदा-ए-सोज़-ए-नाक़ूस-ओ-अज़ाँ पैदा हुआ हक़ का सौदाई हक़ीक़त का इल्म खोले हुए सिद्क़ का शैदा सफ़ा का पासबाँ पैदा हुआ सर-ब-सर इक मुज़्दा-ए-तसकीन-ए-मरदान-ए-ज़ईफ़ क़ुव्वत-ए-बाज़ू-ए-यारान-ए-जवाँ पैदा हुआ इस चमन की सरज़मीं है रू-कश-ए-हफ़्त-आसमाँ इस चमन में ताइर-ए-अर्श-आशियाँ पैदा हुआ इक गुल-ए-ताज़ा जो मुरझा कर भी मुरझाया नहीं सफ़्हा-ए-हस्ती पे नक़्श-ए-जावेदाँ पैदा हुआ ख़ूँ से इस के आज भी गुल-रंग है ख़ाक-ए-वतन फ़ख़्र-ए-आलम नाज़िश-ए-हिन्दोस्ताँ पैदा हुआ