ख़ुदा को काम करना है ख़ुदा को काम करने दो ये जो शैतान की रस्सी को उस ने ढील दी है एक मंसूबा है उस का यक़ीनन आसमाँ में उस ने अपने एप्स कुछ ऐसे बनाए हैं जिन्हें बर-वक़्त डाउन-लोड होना है वो सुब्ह अनक़रीब आएगी जब उस का फ़रिश्ता सूर फूँकेगा अभी जो मुट्ठियों को भींच कर तक़रीर करते हैं फ़ज़ा में मोटे मोटे हाथ लहरा कर तुम इक दिन देख पाओगे तुम्हारा रब लबों को सी के किन इक़दाम की तय्यारियों में था वो हर्फ़-ए-हक़ को साबित कर के छोड़ेगा इन अहल-ए-शर के क़दमों से ज़मीं सरकेगी और उन की मोटी मोटी मुट्ठियों से धोंस की मिट्टी रेत की मानिंद झड़ जाएगी बहुत बे-ताब मत हो तुम ज़रा ठहरो वो दिन आएगा जब तुम देख पाओगे ये सब चौपायों का पेशाब-ओ-गोबर बेचते रह जाएँगे तुम्हारे पास शहरियत के काग़ज़ आप पहुँचेंगे तुम दूध में डुबकी लगाओगे ख़ुदा को काम करना है ख़ुदा को काम करने दो