मेरे बच्चों की जवानी है जवानी मेरी फिर नई हो गई तस्वीर पुरानी मेरी मेरे आँगन में कई चाँद सितारे उतरे तेरे जलवों से हुई शाम सुहानी मेरी तेरे लहजे में है अंदाज़-ए-तकल्लुम मेरा तेरी गुफ़्तार में रंगीन-बयानी मेरी तेरे आदाब-ओ-ख़यालात में आहंग मेरा तेरी रफ़्तार में पोशीदा रवानी मेरी तेरी सूरत में कई अक्स अयाँ हैं मेरे नया उन्वान बदलती है कहानी मेरी बा'द मेरे भी नज़र आएगा पैकर मेरा ढूँड ही लेंगे कोई लोग निशानी मेरी मेरे बच्चों पे रहे साया-ए-रहमत 'मुमताज़' है दुआ अब ये ही अश्कों की ज़बानी मेरी