बहुत दिनों से उदास है दिल बहुत दिनों से मैं रो रहा हूँ मिरा असासा तो ख़्वाब थे पर मैं गहरी नींदों में सो रहा हूँ मैं एक किरदार बन गया हूँ मैं दास्तानों में खो रहा हूँ ये कैसा मौसम है मेरे दिल में गुलों में काँटे पिरो रहा हूँ मैं साफ़-सुथरा लिबास ले कर गली के पानी से धो रहा हूँ मैं अपनी हैरत की खोज में था मैं गहरी नींदों में सो रहा हूँ बहुत दिनों से उदास है दिल बहुत दिनों से मैं रो रहा हूँ कोई तो ज़रख़ेज़ ख़्वाब मालिक! मैं ख़ुश्क लफ़्ज़ों को बो रहा हूँ!