मोटर दौड़ लगाती है छुक छुक गाड़ी आती है तोप से आग निकलती है प्लेन में बत्ती जलती है गुड़िया आँखें खोलती है आगे पीछे डोलती है मुर्ग़ी अंडे देती है चिड़िया दाने लेती है कुत्ता बाजा सुनता है ऊँट खड़ा सर धुनता है बंदर बैंड बजाता है हाथी सूंड नचाता है भालू दारू पीता है गाए के ऊपर चीता है सारे खिलौने हैं लेकिन ये सब सच्चे लगते हैं और खिलौने जैसे तो अपने बच्चे लगते हैं
This is a great खिलौना शायरी.