खोई हुई नज़्म By Nazm << किराए के ख़्वाब ख़त >> मैं घर के पते की एक पर्ची हर सुब्ह उन की जेब में रख देता हूँ किसी को कहीं मिल जाए मेरी गुम हो गई कोई नज़्म तो मुझे बता देना मेरी नज़्में सैर करती हैं अकेली शहर में अब Share on: