भौंकते हैं जो कुत्ते उन के सामने कोई डाल दे अगर हड्डी जानते हैं क्या होगा यक-निगाह-ओ-यक-आहंग उस्तुख़्वाँ पे झपटेंगे और लोग देखेंगे इत्तिहाद-ए-बाहम का ज़हर-पाश नज़्ज़ारा दिल-ख़राश नज़्ज़ारा एक उन की गुर्राहट एक पैंतरा उन का एक भौंकना उन का एक काविश-ए-पैहम रात की ख़मोशी में झिलमिलाएँगे तारे सोएँगे थके हारे इक सुकून का आलम लड़ पड़ेंगे ये कुत्ते और नींद उड़ा देंगे बिलबिलाएँगे बच्चे थपथपाएँगी माएँ बाप-भाई जागेंगे कोई आदमी आख़िर घर से आएगा बाहर हाथ में असा ले कर दुम दबा के भागेंगे ये सुकून के दुश्मन दोस्तान-ए-अहरीमन