फ़िक्र-ए-अंजाम न कर घूम के संसार में भौंक रेडियो टी-वी में और मीडिया स्टार में भौंक पार्क में रोड पर और कूचा-ओ-बाज़ार में भौंक सर्द हो जज़्बा-ए-मिल्लत तो न बे-कार में भौंक रोज़ बे-ख़ौफ़-ओ-ख़तर महफ़िल-ए-अग़्यार में भौंक मौक़ा मिल जाए तो यूरोप के सेमिनार में भौंक रात-भर साध ले दम सुब्ह के अख़बार में भौंक धार्मिक लय में महापुरुषों के दरबार में भौंक दुम न तेरी उठे औहाम-परस्तों की तरफ़ आँख तेरी न रहे राम-परस्तों की तरफ़ रुख़ तिरा सीधा हो इस्लाम-परस्तों की तरफ़ भूल कर देख न असनाम-परस्तों की तरफ़ जब तिरी भौंक की यूरोप से सदा आती है एशीयन क़ौम तिरी कितना सुकूँ पाती है