तुम लोग यहाँ बैठे हो तुम लोग यहाँ इस लिए बैठे हो कि जो तुम में से यहाँ नहीं है उसे वहाँ से उठा दिया गया है तुम में से कोई पुर्तगाल नहीं गया लेकिन तुम्हारे दरमियान मेज़ और कुर्सियाँ हैं जो दुनिया तुम को दिखाने के लिए काफ़ी है इस से बढ़ कर भी कोई दुख होगा जितना सोचोगे भूलते जाओगे मसला मौसीक़ी या औरतें और आब-ओ-हवा बच्चे अख़बार या ग़िज़ाओं के नाम यहाँ तक कि नींद आ जाती है या वो एक बूढ़ा जिस के पाँव मैदानों में चलते चलते ख़त्म हुए उस की फ़स्ल उस के पुराने चेहरे को गाली दे उस पर फेंक दी गई नारियल का बना हुआ हुक़्क़ा भी और उस में जो जला हुआ पानी होता है वो भी तुम लोग उस कमरे में आ गए तुम्हारे सामने मेज़ पर ऐशट्रे में अभी अभी जबकि मुल्क की घड़ियों में रात के 9 बज रहे हैं एक सिगरेट का जलता हुआ फिल्टर ख़त्म हो रहा है मैं तुम सब के बारे में बहुत कुछ कहना चाहता हूँ कुछ बहुत ज़रूरी भेद हैं लेकिन अगर कह दूँ तो बहुत बुरा होगा तुम्हारी गर्दनें मुझे इंसानी शक्ल में दिखाई नहीं देतीं ये गर्दनें जिस्म का फिल्टर हैं जिस्म तफ़सीलात में जल गए अब फिल्टर जल रहे हैं ये मैं नहीं बताऊँगा कि तुम्हें किस ने जला जला के पिया मज़हब ने इस जिस्म में तुम्हारे इस कमरे में जैसे अन-गिनत कमरे बनाए और हर कमरा आग जलाए रखने की तरकीब बताई मैं तुम में से एक था तुम्हारे दरमियान मुसीबत में ख़ुदा का नाम सुना था करोड़ों भिकारियों के दिलों को समेट कर रोटी का एक सूखा टुकड़ा माँगने के लिए उसे पुकारा किताबों में सच्चाई के दो लफ़्ज़ पढ़ने के लिए मिट्टी के तेल की ढेरियां चार-पाइयों पर उलट दीं मेरी ग़रीबी के यादगार गुदड़े और बिस्तर जल गए ज़मीन पर इतने कंकर पत्थर ईंटें बजरी और बालू के ज़र्रे भी नहीं होगे जितनी मेरी रटी हुई दुआएँ कि औरतों और जानवरों से छुटकारा मिल जाए बात ये कि मैं खुल कर रोना चाहता था इतना कि तुम्हारी आबादियों में बाज़ारों के हुजूम भी नहीं होगे और लड़कों की गालियाँ जो नंगे पागलों के पीछे दौड़ती हैं सुनो मैं उसे अपने ढंग से चाहता था इतना कि एक अरब नेकियों से भरे हुए अस्पताल भी काफ़ी नहीं अरे मैं जो ख़ुदा माँगता हूँ वो तुम देते नहीं आग जलाने की तरकीब तो मैं नहीं जानता मैं तुम से कहता हूँ मुझे जलाओ या मेरी नबातात जलाओ मैं जलूँगा और जलूँगा काम करूँगा और काम करूँगा सुनो काम करने के लिए एक ऐसी ज़िंदगी चाहिए कि मैं तुम सब को बिला-वज्ह मरने से रोक सकूँ ज़िंदगी का काम कभी रुकता नहीं हर-चंद कि बुरी भीड़ के ज़माना में अच्छी किताबें लिखने पढ़ने के मज़बूत सामान नायाब हो जाते हैं दौलत बड़े स्टाइल से इश्तिहारी सुकून बाँटती है माईक्रो-फ़ोन या बाप और यूनीवर्सिटियों में जब प्रोफ़ेसर एज़ाज़ की सूलियों पर ख़ुश-गवार दिखाई देते हैं दवाएँ या माएँ बहनें तब बड़ा ग़लत अँधेरा होता है ग़लत बेटे और भाई जिन्हें बिना-क़ीमत लिए अगर तुम छू लो तो काग़ज़ तुम्हें पकड़ लेंगे काग़ज़ तुम्हें मार डालेंगे यही काग़ज़ जिन से तुम्हारे लिए धोके और मुस्तक़बिल बनाते हैं चलो इस भीड़ से निकलो ज़िंदगी का काम कभी रुकता नहीं पास आओ मैं तुम्हारी जेबों के झूट से आज तक डरा नहीं हूँ उन में रखे हुए पैसे निकाल लूँगा पैसे मत छुपाओ पास आओ ये मैं जानता हूँ कि तुम्हारी बीवियाँ तुम्हारी मौत के एजेंट हैं तुम्हारे बेटे और भाई मुझ से नफ़रत करते हैं मैं तुम्हारे घरों के डरे हुए बंद दरवाज़ों पर दस्तक देता हूँ और तुम और तुम्हारे लोग अंदर से चिल्लाते हैं कि तुम नहीं हो मैं तुम्हें मरने से क्यूँ रोकूँ हर-चंद कि रोक सकता हूँ मौत किसी को मारने के लिए आसमान से नहीं उतरती मौत इस लिए है कि तुम ने उसे आसमान मान लिया ज़मीन तुम्हें जागने के लिए दी गई तुम ने उसे मायूस किया मौत ज़मीन की मायूसी पर आज तक ख़ुश है और तुम्हारे ख़्वाबों में चलने की आज़ादी है तम्बाकू अफ़ीम और भंग के पौदे आज तक ख़ुश हैं कि वो तुम्हारी मरी हुई माओं की मामता हैं तुम्हारी बहुत सी बीमारियाँ तुम्हारे जिस्म में बड़े आराम से हैं और दवा-ख़ानों में बहुत सी दवाएँ भी बड़े आराम से हैं मैं तुम्हें मरने से कैसे रोकूँ हाँ तुम मुझे जीने से रोकते हो मैं तुम से कहता हूँ कि तुम्हारे छोड़े हुए मैदानों की हवाओं के झोंके जब तुम्हारी खिड़कियों में आ रहे हों तो खिड़कियाँ मत बंद करो बात ये है कि तुम्हारा जम्अ' किया हुआ असासा तुम्हारे जिस्म के एक मा'मूली रोएँ तक को नहीं चमका सकता तुम्हारे जम्अ' किए हुए ग़लत अँधेरों पर जब सूरज चमकता है तो तुम उस से उकताते हो तुम मुझे बोलने से रोकते हो मैं कहता हूँ तुम्हारे ये मकान तुम्हारी आने वाली क़ब्रों से मुख़्तलिफ़ नहीं तुम बैनल-अक़वामी बिच्छूओं से ज़ियादा चालाक नहीं तुम दुनिया की बड़ी किताबों से ज़ियादा गम्भीर नहीं हो जब तक मैं तुम से अपने सफ़र का सारा सामान छीन नहीं लूँगा तुम से इख़्तिलाफ़ करूँगा तुम्हें मरने से रोकूँगा