लाश को दफ़नाना आसान काम नहीं है मरने वाले के अहबाब को लगता है कि वो अभी तक ज़िंदा है और किसी भी वक़्त उठ कर उन्हें गले लगा सकता है यही सोच कर वो इस लाश के दामन को छोड़ना नहीं चाहते कोई मो'जिज़ा होने पर ही लाश में जान आ सकती है चाहे वो मौत इंसान की हो या किसी रिश्ते की