छोटा सा इक बच्चा हूँ मैं बातें भी छोटी हैं मेरी करना चाहूँ एक वज़ाहत बतलाऊँ मैं एक हक़ीक़त मस्जिद मंदिर माँ होती है प्यार समुंदर माँ होती है इक सरमाया माँ होती है ठंडी छाया माँ होती है ख़ुद दुख सह कर सुख देती है हक़ कहती है सच कहती है ढाल की सूरत वो रहती है सब कुछ ख़ुद ही वो सहती है माँ का प्यार मोहब्बत चाहत हर इक दिल को बख़्शे राहत माँ तो एक निराली दौलत माँ के क़दमों नीचे जन्नत जिस ने माँ का रुत्बा जाना उस ने रब को है पहचाना माँ का रिश्ता जानने वाले अज़्मत को पहचानने वाले ग़ौर से सुन लें मेरा कहना माँ हीरा है माँ इक गहना रब इक रूप है माँ ममता का माँ मेवा है इस दुनिया का