एक सुब्ह मैं बेदार हुआ तो ख़ुदा ग़ाएब था ये बेहद तशवीश की बात थी मुझे उस की तलाश में निकलना पड़ा बस्ती में उस का निशान नहीं मिला मैं ने एक खोजी से राब्ता किया उस ने खरा देख कर बताया ख़ुदा को बुरदा-फ़रोशों ने इग़वा कर लिया है मैं ने पुलीस से राब्ता किया थानेदार ने ख़ुदा की रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया मैं अदालत में पेश हुआ क़ाज़ी ने ख़ुदा का मुक़द्दमा सुनने से इंकार कर दिया मैं ने दरबार में हाज़िरी दी हाकिम ने ख़ुदा का ज़िक्र सुनने से इंकार कर दिया चल चल कर मैं रास्ता भूल गया भटकते भटकते एक बेगार कैम्प जा पहुँचा वहाँ रंग-बिरंगी टोपियों वाले इग़वा-कारों की महफ़िल जमी थी ख़ुदा भी मौजूद था उस के पैरों में बेड़ियाँ पड़ी थीं लेकिन हाथ खुले हुए थे जिन से वो इग़वा-कारों के मुतालबे पर जन्नत के बाग़ों और जहन्नुम के तन्दूरों के मालिकाना हुक़ूक़ की फ़ाइलों पर बे-तकान दस्तख़त किए जा रहा था