मैं और वो By Nazm << प्यार एक बूढ़ी औरत का जनम दिन >> मैं तन्हा था मैं तन्हा हूँ मैं तन्हा ही रहूँ शायद मिरे कमरे की दीवारें मुझे खाने को आती हैं अभी कुछ देर पहले लोग मिलने को बहुत आए अभी कुछ और आएँगे मिरे और उन के सब के दरमियाँ दीवार हाइल है मगर वो मैं जिसे चाहूँ कि आ जाए न आएगी Share on: