मैं इंतिज़ार करूँगी By Nazm << महादेव-जी का ब्याह क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म >> मैं इंतिज़ार करूँगी उस वक़्त का जब किसी जंग में मोहब्बत जुदा न होगी जब मोहब्बत का दायरा ला-महदूद हो जाएगा जब मोहब्बत जिस्म की मुहताज नहीं रहेगी जब तुम मुझे अपना इस्तिआ'रा बना दोगे और मैं ख़ुद को तुम्हारी तश्बीह बना लूँगी Share on: