जब दरख़्त ख़ामोश थे और बादल शोर कर रहे थे मैं तुम्हें याद कर रहा था जब औरतें आग रौशन कर रही थीं मैं तुम्हें याद कर रहा था जब मैदान से एक बच्चे का जनाज़ा गुज़र रहा था मैं तुम्हें याद कर रहा था जब क़ैदियों की गाड़ी अदालत के सामने खड़ी थी मैं तुम्हें याद कर रहा था जब लोग इबादत-गाहों की तरफ़ जा रहे थे मैं तुम्हें याद कर रहा था जब दुनिया में हर शख़्स के पास एक न एक काम था मैं तुम्हें याद कर रहा था