चाहतों का दरिया माँ और ख़ुद है तिश्ना माँ ज़ेर-ए-पा तिरे जन्नत अज़्मतों की दुनिया माँ ज़हमतों की नगरी में रहमतों का साया माँ दुख के सख़्त जंगल में सुख का नर्म गोशा माँ ख़ार-ज़ार बस्ती में फूल का दो-शाला माँ तल्ख़ियों के मौसम में प्यार का बताशा माँ है दुलाई सपनों की नींद का बिछौना माँ है किताब शफ़क़त की हर्फ़ है दुआ का माँ तितलियों का बचपन है फूल सा है चेहरा माँ चुप है सारे दुख सह कर सब्र का नमूना माँ बख़्श दे ख़ता मेरी मैं हूँ तेरा बेटा माँ याद आ गया बचपन मेरा रूठ जाना माँ और फिर मोहब्बत से वो तिरा मनाना माँ माँ 'नज़ीर' माँ है बस अच्छी और बुरी क्या माँ