मशीनें By Nazm << बन-बास आईना देखते हो >> मुतहर्रिक मशीनें साँस लेते हुए गोश्त-पोस्त की मशीनें चमक दमक से मुज़य्यन और जज़्बात से ख़ाली दिल नेक-ओ-बद के एहसास से मावरा पेचीदा तिजारती अज़हान के साथ ज़िंदा रहने की दौड़ में सरगर्दां मौत की जानिब भागते चले जा रहे हैं Share on: