मौत By Nazm << यार लोग साक़ी >> अभी नहीं अभी ज़ंजीर-ए-ख़्वाब बरहम है अभी नहीं अभी दामन के चाक का ग़म है अभी नहीं अभी दर बाज़ है उमीदों का अभी नहीं अभी सीने का दाग़ जलता है अभी नहीं अभी पलकों पे ख़ूँ मचलता है अभी नहीं अभी कम-बख़्त दिल धड़कता है Share on: