कैसी अच्छी मेरी अम्मी प्यारी प्यारी मेरी अम्मी मुझ से करती हैं ये प्यार इन के दम से है घर-बार खाना अम्मी गर न पकाएँ घर वाले भूके रह जाएँ कपड़े सी कर पहनाती हैं रोज़ाना ये नहलाती हैं जब में बिल्कुल छोटा सा था उन की गोदी में रहता था रोता तो बहलातीं मुझ को गोदी में टहलातीं मुझ को थपक थपक कर मुझे सुलाएँ मीठे सुर में लोरी गाएँ रोज़ सुनातीं नई कहानी मेरी अच्छी अम्मी रानी