इन से मिलिए ये हैं मिस्टर-च्युंगम मुँह में अपने रख लो इन को दाँतों से फिर कुचलो इन को चख लो पर न निगलो इन को चखने से न होंगे कम ये हैं मिस्टर-च्युंगम बच्चे बड़े इन के दीवाने चले हैं सारे इन को खाने जान के बनते ये अनजाने इन को कोई नहीं है ग़म ये हैं मिस्टर-च्युंगम लाल हरे और पीले हैं कपड़े भी भड़कीले हैं नट-खट छैल-छबीले हैं मज़ा है इन का या सरगम ये हैं मिस्टर-च्युंगम