तुम्हें पता है मोहब्बत क्या है नहीं मैं बताता हूँ तुम्हें पिछले दिसम्बर तक ये जज़्बा मुझ में इस क़दर था कि मेरी क़ल्ब-दानी में मोहब्बत का हमल ठहर गया वो मेरे दिल की कोख में पलती रही वो ज़िंदा थी मैं ने एक लम्स को महसूस किया था बस ज़रा सी जल्दी ने वक़्त से पहले उसे जन्म दिया और वो मरहूम हो गई