मोम की गुड़िया By Nazm << पैसा रतजगा >> मोम की गुड़िया ख़ाली आँखों से अपनी ख़ाली मुट्ठी को पिघलते देख रही है कल तक तराज़ू उस के हाथ में थी आज एक फ़ैसला देने के बा'द मुजरिम बनी खड़ी है और अपनी ख़ाली मुट्ठी को पिघलता देख रही है Share on: