आचानक ख़ुद में ये कैसी तब्दीलियाँ महसूस कर रहा हूँ मैं मेरे बाल दराज़ और घने हो गए हैं मैं अब दो चोटियाँ बाँधने लगा हूँ मेरी आँखें पहले से ज़ियादा मख़मूर हो गई हैं वो अब देखने के बजाए ज़ियादा रोने लगी हैं मेरे होंट कोहरे की ठण्ड की तरह सफ़ेद पड़ गए हैं वो अब बोलने के बजाए ज़ियादा कपकपाने लगे हैं मेरा सीना पहले सपाट था अब इस पर दो उठानें उठ आई हैं दूध सी कोई शय इस में ठाठें मारने लगी है मैं पहले क़मीस और पैंट पहनता था अब मैं शलवार और जंपर पहनने लगा हूँ लगता है अभी ग्यारह सितंबर ही को मैं ग़ुस्ल-ए-जनाबत से फ़ारिग़ हुआ हूँ आचानक अचानक ख़ुद में ये कैसी तब्दीलियाँ महसूस कर रहा हूँ मैं अभी अभी थोड़ी देर पहले मुझे एक ज़बरदस्त क़य हुई थी दाई आई थी उस ने मेरा जंपर उतार के मेरी कोख के मेरी कोख पर ठंडा ठार क़ब्र सा हाथ रख के कहा था मुबारक हो तुम माँ बनने वाले हो