ख़ुदा कहता है बंदों से मुझे तुम से मोहब्बत है तुम्हारी शह-ए-रग से भी मैं ज़ियादा पास रहता हूँ तुम्हें मैं कैसे समझाऊँ मुझे तुम से मोहब्बत है मैं दूँ तुम को मिसाल ऐसी जिसे तुम सुन के बरजस्ता कहो आमन्ना सद्दक़ना सुनो है कौन सी हस्ती जो तुम को जाँ से प्यारी है कि जिस की ज़ीस्त का पल पल तुम्हें पे वारी वारी है दुआ करते हुए शब शब सदा जिस ने गुज़ारी है ये सच है वो तो माँ ही है बस इतना जान लो लोगो कि उस माँ से कहीं ज़ियादा मुझे तुम से मोहब्बत है