बस ये नहीं हसीन-ओ-ख़ुश-अतवार चाहिए लड़की हसीन सूरत-ए-गुलनार चाहिए करते हैं आप अगर मिरी शादी की बात-चीत फ़िहरिस्त से न जुरअत-ए-इंकार चाहिए सुनिए बग़ौर निकले जो मेरी ज़बान से शादी से पेशतर मुझे इक कार चाहिए फिर इस के साथ साथ ये लाज़िम है आप को अच्छा ड्राईवर कोई हुशियार चाहिए शादी के बा'द ही मिरे रहने के वास्ते इक ख़ुशनुमा फ़्लैट भी तय्यार चाहिए ख़िदमत को मेरी चंद मुलाज़िम भी हों ज़रूर बुलडाग एक शेर सा खूँ-ख़्वार चाहिए हर साल मेरे नाम से चंदा भरा करें पढ़ने के वास्ते मुझे अख़बार चाहिए शादी के बा'द ख़त्म न होगा ये सिलसिला या'नी तमाम उम्र ये व्यवहार चाहिए