तुझ पे क़ुर्बान हो मेरी जान और तन मेरे हिन्दोस्तान मेरे प्यारे वतन ख़ुशनुमा वादियाँ तेरी रश्क-ए-चमन ख़ुशबुओं से मोअ'त्तर तिरा पैरहन हर नज़ारे में रानाई और बाँकपन तू बहारों की है इक हसीं अंजुमन मेरे हिन्दोस्ताँ मेरे प्यारे वतन तेरी नदियों में नग़्मात और क़हक़हे प्यारी फ़स्लें तिरी प्यारे मौसम तिरे कोएलों की सदाएँ पपीहे की लय कितने रूमान-अंगेज़ हैं तेरे बन मेरे हिन्दोस्ताँ मेरे प्यारे वतन अर्ज़-ए-कश्मीर है तेरी जन्नत-निशाँ तुझ में गंग-ओ-जमन से हैं दरिया रवाँ चूमता है हिमाला रुख़-ए-आसमाँ हिन्द सागर में धुलते हैं तेरे चरन मेरे हिन्दोस्ताँ मेरे प्यारे वतन प्यार का देश और नग़्मगी की ज़मीं अम्न की मुम्लिकत आश्ती की ज़मीं नानक और चिश्ती-ओ-कृष्न जी की ज़मीं तू इरम ही इरम है ज़मीं-ता-गगन मेरे हिन्दोस्ताँ मिरे सारे वतन