तुम एक ख़याल की तरह मेरे दिल में नहीं उतर सकते न तुम मेरी आँखों में ख़्वाब बन सकते हो अभी तो मैं तुम को देख रही हूँ तुम को छू सकती हूँ तुम्हारी उँगलियों की पोरें सामान बाँधते हुए मेरी पोरों से टकरा भी सकती हैं लेकिन जब ये सब कुछ नहीं होगा मैं तुम्हें एक याद में बदल दूँगी और मिला दूँगी अपनी उन यादों से जिन्हें मैं भुला बैठी हूँ