नज़्म By Nazm << ग्लैडिएटर अपनी अपनी रौशनी >> तू ने मिरी रूह वजूद समेत अपनी मोहब्बत से तर की थी जानाँ तू गर इक ही झटके में साँस निकल जाए वजूद से रंग नीला तो होगा नाँ सो आज-कल वही रंग है मेरा Share on: