मौत और ज़िंदगी की सरहद पर वो किसी से नहीं मिले लेकिन उन के जाने के ब'अद लोगों ने फूल दीवार के क़रीब रक्खे मिशअलें सीढ़ियों पे रौशन कीं एक मौहूम सी उमीद में गुम लड़कियों की सियाह आँखों से आँसुओं की क़तार चलती रही जाने वालों के ग़म में तेज़ हवा हर तरफ़ सोगवार चलती रही ज़िंदगी उन के घर के रस्ते पर जाने क्यूँ बार बार चलती रही