जहाँ में मिस्ल-ए-अली अपना नाम पैदा कर ''दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर'' सबक़ ये सीख अली की ख़मोशियों से ज़रा ''सुकूत-ए-लाला-ओ-गुल से कलाम पैदा कर'' अली वो है जो ग़रीबी में भी अमीर रहा ''ख़ुदी न बेच ग़रीबी में नाम पैदा कर'' मोहब्बतों के बहुत जाम तू ने बख़्शे हैं फ़रोग़-ए-इश्क़-ए-अली का भी जाम पैदा कर तो शहर-ए-इल्म के दर का फ़क़ीर है तो 'अदील' ''नया ज़माना नए सुब्ह-ओ-शाम पैदा कर''