नया अमृत By Nazm << सवाल शिकवा-ए-मुख़्तसर >> दवाओं की अलमारियों से सजी इक दुकाँ में मरीज़ों के अम्बोह में मुज़्महिल सा इक इंसाँ खड़ा है जो इक नीली कुबड़ी सी शीशी के सीने पे लिक्खे हुए एक इक हर्फ़ को ग़ौर से पढ़ रहा है मगर उस पे तो ''ज़हर'' लिख्खा हुआ है उस इंसान को क्या मरज़ है ये कैसी दवा है? Share on: