उड़ जा पी के देस रे पंछी उड़ जा पी के देस भूल गई हैं प्रेम की घातें मीठे सपने मध भरी रातें मन में डूबने वाली बातें जग ने बदला भेस रे पंछी उड़ जा पी के देस रे पंछी उड़ जा पी के देस मन मंदिर को छोड़ गए हैं प्रेम के नाते तोड़ गए हैं दुख से रिश्ते जोड़ गए हैं जाए बसे परदेस रे पंछी उड़ जा पी के देस रे पंछी उड़ जा पी के देस राग नहीं बरसात नहीं है दिन वो नहीं वो रात नहीं है पहली सी वो बात नहीं है देस भी है परदेस रे पंछी उड़ जा पी के देस रे पंछी उड़ जा पी के देस तुझ बिन पीतम चैन न आए प्रेम का दीपक बुझता जाए याद पिया की मन कलपाए ले जा ये संदेश रे पंछी उड़ जा पी के देस रे पंछी उड़ जा पी के देस