पुर्सिश-ए-हाल के जवाब में By Nazm << बुंदा मौत किस ने बाँटी है >> तवील रात ख़ल्वत नीम-बाज़ आँखें बोलती हिम्मत यास ता-हद्द-ए-नज़र फ़िराक़ माज़ी की तल्ख़ यादें फ़र्द-ए-बे-सिलसिला एहसास-ए-कमतरी ज़िंदगी इन से उबर पाए तो सोच पाऊँ कि तुम को जवाब क्या दूँ Share on: