अम्मी तुम्हारे बा'द हर बार हम एक दूसरे से आख़िरी बार मिलते हैं ज़िंदगी बे-यक़ीनी का साया बन कर रह गई है मौत हमारे नंबर लगा चुकी है हम तुम से मिलने की ख़ातिर अपनी अपनी बारी का इंतिज़ार करते हैं ज़मीन पर अपने दिन शुमार करते हैं हमें तुम से कशीद किया गया हमारे ख़ून के गुरूप और दिमाग़ की बनावट में तुम्हें भर दिया गया और दिल की जगह तुम्हें रख दिया गया फिर अचानक तुम हम से जुदा हो गईं और हमें मुब्तला कर दिया गया आँसुओं के कर्ब-ओ-बला में और हम तुम से मिलने के लिए मौत से प्यार करने लगे और इंतिज़ार करने लगे कि जब हम जिस्म से आज़ाद होंगे तो तुम्हारी नर्म और दिल-गीर मोहब्बत की बाँहों में तुम्हें बोसा दे सकेंगे तुम्हारे सीने से लग कर हँस और रो सकेंगे तुम्हारी ख़ूबसूरत आँखों से ख़ुद को देख सकेंगे तुम्हारे साथ हमेशा के लिए जी सकेंगे