आओ बच्चो सुनो कहानी एक था राजा एक थी रानी दोनों इक दिन शहर में आए शहर से इक इक गुड़िया लाए राजा की गुड़िया थी दुबली रानी की गुड़िया थी मोटी राजा की गुड़िया थी लम्बी रानी की गुड़िया थी छोटी राजा बोला मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया बड़ी सियानी गुड़ियाओं में जैसे रानी रानी बोली ''मेरी गुड़िया'' मेरी गुड़िया के क्या कहने अच्छे अच्छे गहने पहने राजा बोला ''मेरी गुड़िया'' मेरी गुड़िया बीन बजाए मीठे मीठे गाने गाए रानी बोली ''मेरी गुड़िया'' मेरी गुड़िया नाच दिखाए उछले कूदे शोर मचाए दोनों में बस हुई लड़ाई दोनों ने की हाथा-पाई रानी बोली सुन मिरी बात मेरी गुड़िया के दो हात एक से खाए दाल चपाती एक से खाए साग और पात राजा बोला बस चुप कर मेरी गुड़िया के दो सर जैसे चिड़िया के दो पर एक इधर और एक उधर रानी बोली हूँ हूँ हूँ मेरी गुड़िया के दो मूं एक से खाए गर्म पकौड़े एक से बोले सूँ सूँ सूँ इतने में इक बढ़िया-माई दौड़ी दौड़ी अंदर आई आते ही इक डाँट पिलाई क्या है झगड़ा क्या है लड़ाई ये भी गुड़िया वो भी गुड़िया ये भी सियानी वो भी सियानी तू है राजा तू है रानी ख़त्म करो ये राम-कहानी