ये जो मेरा भाई है सुरमे की सलाई है नक-चढ़ा तो है लेकिन बहन का फ़िदाई है मैं उसे सताती हूँ वो भी ताओ खाता है मुझ से जीत सकता है फिर भी हार जाता है उस की छाँव ठंडी है उस पे प्यार आता है ख़ुश रहे ख़ुदा रक्खे मन्नतें मनाती हूँ उस की कामयाबी के मैं दिए जलाती हूँ