रेत का शहर By Nazm << शहीद मुन्नी की लोरी >> मुझे अपने शहर से प्यार है न सही अगर मिरे शहर में कोई कोह सर-ब-फ़लक नहीं कहीं बर्फ़-पोश बुलंदियों की झलक नहीं ये अज़ीम बहर जो मिरे शहर के साथ है मिरी ज़ात है Share on: