रिवायत By Nazm << जिला-वतन शहज़ाद-गान का जश्... प्यारे प्यारे >> हर रोज़ बदल जाता है कुछ न कुछ कमरा हर हफ़्ते अशरे में नए सलीक़े से सजाया जाता है सामान वक़्त के साथ बदल जाती हैं कुछ चीज़ें भी मगर एक साथ सब कुछ बदलने के लिए बदलना होता है घर Share on: