रोक के अश्क नोक-ए-मिज़्गाँ पे By Nazm << सवाल एक दुआ >> मुस्कुराना सिखा दिया हम को दे दिया हर्फ़ जोड़ने का हुनर शे'र कहना सिखा दिया हम को शुक्रिया आप की मोहब्बत का दर्द सहना सिखा दिया हम को Share on: