मुबारक मुबारक नया साल सब को न चाहा था हम ने तू हम से जुदा हो मगर किस ने रोका है बहती हवा को जो हम चाहते हैं वो कैसे भला हो ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को मुबारक मुबारक नया साल सब को मुबारक घड़ी में ये हम अहद कर लें ब-सद-शान हम ज़िंदगी में सँवर लें गुलों की तरह गुलिस्ताँ में निखर लें बनें हम भी सूरज गगन में उभर लें मुबारक मुबारक नया साल सब को अँधेरों ने लूटी उजालों की दौलत उड़ा ले गया वक़्त इक ख़्वाब-ए-राहत न लौटेगी बीती हुई कोई साअत जो अब भी न जागे तो होगी क़यामत मुबारक मुबारक नया साल सब को उमीदें हैं राहें अज़ाएम सवारी ख़बर दे रही है ये बाद-ए-बहारी महकती हुई मंज़िलें प्यारी प्यारी कि सदियों से तकती हैं राहें हमारी मुबारक मुबारक नया साल सब को मुबारक मुबारक नया साल सब को