हमारे इख़्तियारात ग़सब कर लिए गए हैं इन सर कटे बदन वालों ने उन्हों ने बड़ी दिल-जमई से अपने सर अपने अपने धड़ से अलग करवा लिए ताकि वो पहचाने न जाएँ उन्हों ने हमें मुंडेरों पर बिठा दिया है ताकि जब हवा तेज़ चले तो हम दूसरी तरफ़ बनी खाई में गिर पड़ें कभी न उठने के लिए वो समझते हैं वो पहचाने नहीं जाएँगे ऐसा भला हो सकता है मरने से पहले हम उन के सर ढूँड निकालेंगे और जब वो हवाएँ चलेंगी जो हमारा साथ देंगी हम उन के सरों को उन के सामने कुचलेंगे वर्ना एक तराज़ू है जिस में एक तरफ़ उन के सर होंगे और एक तरफ़ हम सब मुआफ़िक़ हवा शायद हमारा साथ दे